वो वक्त पे बदल जाते हैं
जाने क्यों इतना याद आते हैं
छोटी उम्र के पक्के रिश्ते
बड़े होने पे बिखर जाते हैं
उनके भी कहीं पक्के रिश्ते होंगे
जहाँ वो हमसा सुकून पाते हैं
बिना बात किये पहले दिन जाते थे
अब तो साल गुज़र जाते हैं
वक्त आने पे रिश्ते
क्यों इतना बदल जाते हैं
साथ खेल कर जो बड़े हुए
क्यों बचपन को भूल जाते हैं
छोटी सी बात पे जो लड़ पड़ते थे
अब लड़ना नहीं चाहते हैं
इसे क्या कहे मालूम नहीं कुछ
पर इतना पता हैं आजकल
हलके से तनाव से ही
रिश्ते बिगड़ जाते हैं ...
जाने क्यों इतना याद आते हैं
छोटी उम्र के पक्के रिश्ते
बड़े होने पे बिखर जाते हैं
उनके भी कहीं पक्के रिश्ते होंगे
जहाँ वो हमसा सुकून पाते हैं
बिना बात किये पहले दिन जाते थे
अब तो साल गुज़र जाते हैं
वक्त आने पे रिश्ते
क्यों इतना बदल जाते हैं
साथ खेल कर जो बड़े हुए
क्यों बचपन को भूल जाते हैं
छोटी सी बात पे जो लड़ पड़ते थे
अब लड़ना नहीं चाहते हैं
इसे क्या कहे मालूम नहीं कुछ
पर इतना पता हैं आजकल
हलके से तनाव से ही
रिश्ते बिगड़ जाते हैं ...